मुसीबतें अच्छी हैं,
इनसे न घबराओ, ये हमें परखती हैं।
इन मुसीबतों से घबराकर कभी न हिम्मत हारो,
इन मुसीबतों को हराकर अपनी कमियों को सुधारो।
इन मुसीबतों को देखकर यदि हार मान जाओगे,
तो "मुसीबतें अच्छी हैं" यह कैसे जान पाओगे ?
यदि मुश्किलों के समय कदम-कदम बढ़ाओगे,
तो अवश्य ही ज़िन्दगी भर खुशियों के गीत गाओगे,
साथ में सबके लिए खुशियों का सैलाब लाओगे।
मुसीबतें अच्छी हैं,
इनसे न घबराओ, ये हमें परखती हैं।
कोई कहता मुसीबत एक खेल है,
कोई कहता मुसीबत तो जीवन की रेल है।
बहुत महत्वपूर्ण है "मुसीबतें अच्छी हैं" इस कथन को समझना,
इससे बन सकता है हमारा जीवन सुहाना,
सच हो जाएगा हर किसी का सपना,
हर किसी का लक्ष्य है इस सीख को अपने जीवन में उतारना।
मुसीबतें अच्छी हैं,इनसे न घबराओ, ये हमें परखती हैं।
मुसीबतें हमें जीवन जीना है सिखातीं,
कभी हसातीं, तो कभी रुलातीं।
निडरता से हैं जो मुश्किलों से लड़ते,
निडरता से जो आगे हैं बढ़ते,
वे अपने हाथों की रेखाएं स्वयं हैं गढ़ते,
और वे सदा एक ही बात दोहराते -
मुसीबतें अच्छी हैं,
इनसे न घबराओ, ये हमें परखती हैं।
हर किसी का लक्ष्य है की वह आगे बढ़े,
हर किसी का लक्ष्य है की वह डटकर मुसीबतों से लड़े।
एक महान कवि ने कहा था -
"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती"
अब हम इसके आगे एक और वाक्य जोड़ सकते हैं,
"मुसीबतों को मित्र बनाने वाले जीवन में कुछ भी कर सकते हैं।"
क्योंकि, मुसीबतें अच्छी हैं,
इनसे न घबराओ, ये हमें परखती हैं।
रोज़ सुनने को मिल रहें हैं संघर्ष व वीरता के किस्से,
मुश्किलों को हराने की चाह को साथ मिलेगा इनसे।
गर ले संकल्प हर इंसा मुश्किलों को धूल चटाएंगे,
कोशिश न होगी बेकार यदि इंसा कदम बढ़ाएंगे।
यह सपना सभी का है,
आज नहीं तो कल पूरा होगा,
एक दिन ऐसा आएगा,
जब सारा जहां "मुसीबतें अच्छी हैं" यह समझ जाएगा।
"यदि हर मनुष्य मुश्किलों को एक सीखने का ज़रिया न माने तो कोई गम नहीं,
परन्तु यदि मनुष्य मुश्किलों का सामना करना ही सीख ले तो भी कोई कम नहीं।"
- अथर्व देहाडराय
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